NCERT solutions for class 8 social science civics chapter 1 भारतीय संविधान अब अध्ययन के लिए उपलब्ध है। यदि आप कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान नागरिक शस्त्र Hindi Medium के अध्याय 1 के प्रश्न उत्तर (Class 8 Social Science NCERT Solutions civics नागरिक शस्त्र) पढ़ना चाहते है तो आप सही जगह पे आए है। आपको बात दे की सामाजिक विज्ञान विषय के यह ncert solutions for class 8 social science civics chapter 1 pdf के तौर पर डाउनलोड भी कर सकते है।
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कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान की पुस्तक सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में छात्रों को भारतीय संविधान, कानून और जनसुविधाओं के बारे में जानने को मिलेगा। नागरिक शास्त्र कक्षा 8 काफी रोचक है।
NCERT Solution Class 8 Social science civics chapter 1 भारतीय संविधान Download as PDF
कक्षा : 8
विषय : सामाजिक विज्ञान (नागरिक शास्त्र –सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-3)
पाठ :-1 भारतीय संविधान
अभ्यास:-
प्रश्न 1 – किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है ?
उत्तर :- किसी भी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत कई कारणों से होती है। जैसे :-
- यह ऐसे नियम बनाता है जो हमारे राजनीतिक नेताओं द्वारा सत्ता के दुरुपयोग से रक्षा करते हैं।
- संविधान सरकार के ढांचे तथा सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों की व्यवस्था करता है।
- संविधान सरकार और नागरिकों के संबंधों को निर्धारित करता है।
- संविधान नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कुछ कर्तव्य भी प्रदान करता है।
प्रश्न 2 – नीचे दिए गए दो दस्तावेजों के हिस्सों को देखिए। पहला कॉलम 1990 का नेपाल के संविधान का है। दूसरा नेपाल के ताजा अंतरिम संविधान में से लिया गया है।
1990 का नेपाल का संविधान भाग – 7 : कार्यपालिका | 2007 अंतरिम संविधान भाग – 5 : कार्यपालिका |
अनुच्छेद 35: कार्यकारी शक्ति: नेपाल राज्य की कार्यकारी शक्ति महामहिम और मंत्रिपरिषद में निहित होगी। | अनुच्छेद 37: कार्यकारी शक्ति: नेपाल की कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित होगी। |
नेपाल के इन दोनों संविधानों में ‘कार्यकारी शक्ति’ के उपयोग में क्या फ़र्क दिखाई देता है? इस बात को ध्यान में रखते हुए क्या आपको लगता है कि नेपाल को एक नए संविधान की जरूरत है? क्यों?
उत्तर :- नेपाल के संविधान 1990 के अनुसार; कार्यकारी शक्ति पूरी तरह से राजा के हाथों में निहित है। वह अपनी शक्तियों का इच्छानुसार प्रयोग कर सकता था अर्थात् शासन की सर्वोच्च सत्ता राजा के पास रहेगी। दूसरी ओर 2007 के अंतरिम संविधान के अनुसार, कार्यकारी शक्ति मंत्री परिषद में निहित होगी। इसका मतलब है कि नेपाल में संसदीय लोकतंत्र काम करेगा. नेपाल को एक नए संविधान की आवश्यकता है जो विभिन्न शासनाध्यक्षों के कार्य और शक्तियां तय करेगा। यह विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के कार्यों को भी विभाजित करेगा।
प्रश्न 3 – अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो क्या होता ?
उत्तर :- यदि निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा तो यह भी संभावना रहेगी कि निर्वाचित प्रतिनिधि अपनी शक्ति का दुरुपयोग करें। अधिकार और शक्ति का दुरुपयोग घोर अन्याय का कारण बन सकता है। इसलिए, संविधान ने शक्तियों के ऐसे दुरुपयोग के खिलाफ देश की सुरक्षा के लिए उपाय प्रदान किए हैं।
प्रश्न 4 – निम्नलिखित स्थितियों में अल्पसंख्यक कौन हैं ? इन स्थितियों में अल्पसंख्यकों के विचारों का सम्मान करना महत्त्वपूर्ण है। इसका एक-एक कारण बताइए।
(क) एक स्कूल में 30 शिक्षक हैं और उनमें से 20 पुरुष हैं।
उत्तर :- किसी विद्यालय में 30 अध्यापक है जिसमें से 10 महिलाएं है और 20 पुरुष है। इसमें महिला अध्यापक अल्पसंख्यक है। पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और कही किसी बात पर फैसला लेना हो तो उनकी बातों को दबाना नहीं चाहिए।
(ख) एक शहर में 5 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं।
उत्तर :- किसी शहर में बुद्ध धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक है। इसलिए बहुसंख्यक को बुद्ध धर्म मानने वालों के विचारों एवं धर्म का सम्मान करना चाहिए।
(ग) एक कारखाने के भोजनालय में 80 प्रतिशत कर्मचारी शाकाहारी हैं।
उत्तर :- यहां अल्पसंख्यक 20 प्रतिशत मांसाहारी लोग हैं जो फैक्ट्री की मेस में खाना खाते हैं। इसलिए शाकाहारियों को जो बहुसंख्यक है मांसाहारियों के विचारों का आदर करना चाहिए।
(घ) 50 विद्यार्थियों की कक्षा में 40 विद्यार्थी संपन्न परिवारों से हैं।
उत्तर :- एक कक्षा में 50 विद्यार्थी है जिनमें से 10 छात्र समृद्ध परिवारों से नहीं है वे अल्पसंख्यक है। इसलिए बहुमत जो कि संपन्न परिवारों से हैं उन्हें अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के विचारों का आदर करना चाहिए।
प्रश्न 5 – नीचे दिए गए बाएँ कॉलम में भारतीय संविधान के मुख्य आयामों की सूची दी गई है। दूसरे कॉलम में प्रत्येक आयाम के सामने दो वाक्यों में लिखिए कि आपकी राय में यह आयाम क्यों महत्त्वपूर्ण है:-
मुख्य आयाम | महत्व |
संघवाद, शक्तियों का पृथक्करण, मौलिक अधिकार, सरकार का संसदीय स्वरूप |
उत्तर:-संघवाद यह महत्वपूर्ण है क्योंकि, भारत जैसे देश में, विभिन्न स्तरों पर लोग रहते हैं, और केवल एक स्तर की सरकार उन पर शासन नहीं कर सकती है। इसलिए, विभिन्न स्तरों के लिए सरकार बनाना महत्वपूर्ण है। पंचायती राज गांव पर शासन करने के लिए जिम्मेदार है, राज्य सरकार राज्य पर शासन करने के लिए जिम्मेदार है, और केंद्र सरकार पूरे देश पर शासन करने के लिए जिम्मेदार है।
शक्तियों का बंटवारा सरकार के तीन अंग है :- विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। सरकार के किसी अंग द्वारा शक्तियों के दुरूपयोग को रोकने के लिए संविधान कहता है कि सरकार के तीनों अंग अलग अलग तरह से शक्तियों का प्रयोग करेंगे
मौलिक अधिकार मौलिक अधिकार अधिकारों का एक समूह है जो संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को प्रदान करता है।यह अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करता है और बहुसंख्यकों के विरुद्ध अधिकारों की गारंटी देता है।
संसदीय शासन पद्धति देश का प्रत्येक नागरिक, चाहे उसकी सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, चुनाव लड़ सकता है। यह लोकतांत्रिक मानसिकता को प्रोत्साहित करने में मदद करता है और पारंपरिक जाति, वर्ग और लिंग पदानुक्रम के चंगुल को तोड़ता है।
प्रश्न:-6. उन भारतीय राज्यों के नाम लिखिए जिनकी सीमाएं निम्नलिखित पड़ोसी देश से लगती है।
(क) बांग्लादेश
(ख) भूटान
(ग) नेपाल
उत्तर:-
(क) बांग्लादेश :- असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, पश्चिम बंगाल
(ख) भूटान :- अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, पश्चिम बंगाल
(ग) नेपाल :- उत्तराखंड, उतर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम
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इतिहास (History) हमारे अतीत -3
- अध्याय 1 – कैसे, कब और कहाँ ?
- अध्याय 2 – व्यापर से साम्राज्य तक
- अध्याय 3 – ग्रामीण छेत्र पर शासन चलाना
- अध्याय 4 – आदिवासी, दिकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना
- अध्याय 5 – जब जनता बगावत करती है 1857 और उसके बाद
- अध्याय 6 – देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना
- अध्याय 7 – महिलाएँ, जाति एवं सुधार
- अध्याय 8 – राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक
नागरिक शस्त्र (Civics) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन -3
- अध्याय 1 – भारतीय संविधान
- अध्याय 2 – धर्मनिरपेक्षता की समझ
- अध्याय 3 – हमें संसद क्यों चाहिए
- अध्याय 4 – कानूनों के समझ
- अध्याय 5 – न्यायपालिका
- अध्याय 6 – हाशशयाकरण की समझ
- अध्याय 7 – हाशियाकरण से निपटना
- अध्याय 8 – जनसुविधाए
- अध्याय 9 – कानून और सामाजिक न्याय
भूगोल (Geography) संसाधन एवं विकास भाग -2
- अध्याय 1 – संसाधन
- अध्याय 2– भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन
- अध्याय 3 – कृषि
- अध्याय 4 – उद्योग
- अध्याय 5 – मानव संसाधन