NCERT Solutions class 5 evs Chapter 19 किसानों की कहानी-बीज की जुबानी पर्यावरण अध्ययन

NCERT Solutions class 5 evs Chapter 19 किसानों की कहानी-बीज की जुबानी This is the part of NCERT Solutions for Class 5 Paryayana Adyayan (पर्यावरण अध्ययन). In this post we have given NCERT Solutions for Class 5 EVS Chapter 19 किसानों की कहानी-बीज की जुबानी  पर्यावरण अध्ययन अभ्यास के प्रश्न उत्तर सवाल जवाब सत्र 2023-24 के लिए यहाँ दिए गए हैं। NCERT Solutions for Class 5 EVS Chapter 19  यह सामग्री सिर्फ संदर्भ के लिए है। आप अपने विवेक से प्रयोग करें। Chapter 19 में विद्यार्थी अपनी  परिस्थितिनुसार बदलाव कर सकता  है। पुस्तकों में विचार-विमर्श तथा चर्चा के लिए बहुत स्थान हैं। उनका प्रयोग अवश्य करें । सिर्फ याद करना और लिखना पर्यावरण को समझने-समझाने का तरीका नहीं हो सकता।

NCERT Solutions for Class 5 Paryayana Adyayan (पर्यावरण अध्ययन) book solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE and NCERT exam. CBSE recommends NCERT books and most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 5 EVS chapter 19 NCERT solution can be downloaded from our website exammodalpaper.in for free.

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 ईवीएस अध्याय 19 किसानों की कहानी-बीज की जुबानी  पर्यावरण अध्ययन के प्रश्न उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2023-24 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 5 पर्यावरण पाठ 19 के लिए विद्यार्थी यहाँ दिए गए विडियो तथा पीडीएफ की मदद से इसे आसानी से समझ सकते हैं।

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बताओ

प्रश्न 1.  क्या तुम्हारे घर में रोटियाँ बनती हैं? किस अनाज से?
उत्तर:  हां, मेरे घर में रोटियां बनती हैं. इन्हें गेहूं से और कभी-कभी चावल और रागी से बनाया जाता हैं।

प्रश्न 2.  क्या तुमने कभी ज्वार या बाजरे की रोटी खाई है? तुम्हें कैसी लगी?
उत्तर:  हां, मैंने बाजरे और ज्वार की रोटी खाई है, यह मुझे बहुत अच्छी लगी।

पता करो और लिखो

प्रश्न 1.  तुम्हारे घर में अनाज और दालों को कीड़ों से बचाने के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर:  मेरे घर में अनाज और दालों को कीड़ों से बचाने के लिए उसे समय-समय पर धूप में सुखाया जाता है तथा उन्हें बंद डिब्बे में रखा जाता है।

प्रश्न 2.  अलग-अलग मौसम में खेती से जुड़े त्योहार कौन-कौन से हैं? इनमें से किसी एक त्योहार के बारे में जानकारी इकट्ठी करो, जैसे-लोहड़ी
त्योहार का नाम
किस मौसम में मनाते हैं?
किन-किन राज्यों में मनाया जाता है?
क्या-क्या पकाया जाता है?
उस त्योहार को कैसे मनाते हैं-सब मिलकर या अपने-अपने घरों में?
उत्तर:  चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है अतः यहाँ खेती से जुड़े हुए कई त्योहार मनाये जाते हैं। जैसे-लोहड़ी, होली, बैशाखी इत्यादि।

लोहड़ी

त्योहार का नामलोहड़ी
किस मौसम में मनाते हैं?यह एक प्रत्येक वर्ष जाड़े के मौसम में 13 जनवरी को मनाया जाता है।
किन-किन राज्यों में मनाया जाता है?यह कई राज्यों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है। इसे तमिलनाडू में पोंगल, कर्नाटक में येल्ला बेल्ला तथा पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है।
क्या-क्या खाना पकाया जाता है?अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह का खाना पकाया जाता है। गुड़ और तिल लगभग हर राज्य में खाये जाते हैं।
उस त्योहार को कैसे मनाते हैं सब मिलकर या अपने-अपने घरों में?इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया। जाता है, जैसे-पंजाब में सभी लोग मिल-जुलकर इसे मनाते है। कुछ राज्यों में इसे केवल परिवार के लोगों के साथ ही मनाते हैं। गुजरात में इस अवसर पर पतंगें उड़ाई जाती है।

 

प्रश्न 1.  अपने घर में बड़ों से पूछो, क्या खाने की कुछ ऐसी चीजें हैं जो उनके जमाने में बनाई जाती थीं पर अब नहीं?
उत्तर:   मेरी माँ ने बताया कि उनके जमाने में तिल तथा कूटे हुए चावल को मिलाकर लड्डू बनाया जाते थे जो काफी स्वादिष्ट होता था। परन्तु आज तो लोग बाजार से केवल गजक खरीदते हैं।

प्रश्न 2.  तुम्हारे इलाके में कौन-कौन से अनाज और साग-सब्जी उगाए जाते हैं? क्या तुम्हारे इलाके में कोई ऐसी चीज उगाई जाती है जो दूर-दूर तक मशहूर है?
उत्तर:  हमारे क्षेत्र में गेहूं, कॉफी, काली मिर्च, केला और चावल जैसी कई फसलें उगाई जाती हैं। इनमें से चावल तो देशभर में मशहूर हैं।

प्रश्न 3.  क्या इन अनाजों को पहचान सकते हो?

उत्तर:  हाँ पहचान सकता हूँ।
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चर्चा करो

प्रश्न 1.  बाजरे के बीज ने दामजीभाई की खेती और हसमुख की खेती में, जैसे सिंचाई, जमीन जोतना, इत्यादि में क्या-क्या अंतर देखे?
उत्तर:  दामजीभाई ने हसमुख की तुलना में अलग तरीके से खेती की। दामजीभाई खेती की पारंपरिक पद्धति का पालन करते थे। वह खेत जोतने के लिए बैलों का प्रयोग करता था। उन्होंने बीज के रूप में उपयोग करने के लिए अनाज का भंडारण किया। दूसरी ओर, हसमुख ने खेती के आधुनिक या नए तरीकों की शुरुआत की। उसने खेत जोतने के लिए एक ट्रैक्टर खरीदा। अधिक फसलें उगाने के लिए महँगे उर्वरकों का प्रयोग किया जाने लगा।

प्रश्न 2.  हसमुख कहता-खेती के मुनाफे से हम और तरक्की कर सकते हैं। तुम ‘तरक्की’ से क्या समझते हो?
उत्तर:  तरक्कीका अर्थ है बेहतर जीवनशैली। लोगों को शिक्षा, चिकित्सा सुविधा और पौष्टिक भोजन जैसे बेहतर जीवन स्तर मिलते हैं।

लिखो

प्रश्न 1.  तुम अपने गाँव  या इलाके में क्या-क्या तरक्की देखना चाहोगे?
उत्तर:  मैं सुसज्जित अस्पताल, बेहतर सड़कें, अच्छी परिवहन व्यवस्था और स्कूलों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था देखना चाहूंगा

सोचो और चर्चा करो

प्रश्न 1.  आगे चलकर हसमुख की खेती का क्या हुआ होगा?
उत्तर:   हसमुख के खेत की उर्वरता कुछ वर्षों के बाद समाप्त हो जाएगी क्योंकि वह रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कर रहा है।  भविष्य में वह खेती नहीं कर पाया होगा।

प्रश्न 2.  दामजीभाई के बेटे हसमुख ने अपने पिता की तरह खेती करना पसंद किया। हसमुख का बेटा परेश खेती न करके ट्रक चला रहा है। उसने ऐसा क्यों किया होगा?
उत्तर:   परेश देख रहा था कि उसके पिता घाटे में जा रहे हैं। खेती कम लाभ वाली पूंजी-प्रधान गतिविधि बन गई थी। इसलिए, परेश ने एक नया व्यवसाय अपनाने का फैसला किया होगा।

प्रश्न 3.  बीज को शक था कि जो हसमुख के साथ हुआ वह तरक्की नहीं है। तुम्हें क्या लगता है?
उत्तर    मैं समझता हूँ कि बीज का शक सही था। खेती के नए तरीकों के द्वारा खेतों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों का शोषण होता है, जिसके कारण खेत अपनी उर्बरा शक्ति खोने लगता हैं, तथा धीरे-धीरे बंजर हो जाया करता है। भू-गर्भीय जल का सिंचाई आदिकार्यों के लिए अत्यधिक दोहन से यह जमीन में काफी नीचे चला जाता है तथा भविष्य के लिए बहुत कम जल बच जाता है। एक मशीन आदमी से ज्यादा काम कर सकता है परन्तु इससे कई लोग बेरोजगार भी हो जाते हैं।
अतः एक नजर में तो यह तरक्की लगती है परन्तु यह वास्तविक तरक्की नहीं है।

प्रश्न 4.  क्या तुम्हारे आस-पास कुछ ऐसे बदलाव हुए हैं, जिन्हें ‘तरक्की’ मानने में कुछ दिक्कतें भी हैं? क्या?
उत्तर:  हाँ, ऐसे कई परिवर्तन हैं जिन्हें वास्तविक अर्थों में प्रगति नहीं कहा जा सकता। आइए सड़क पर वाहनों की बढ़ती संख्या का उदाहरण लें। अधिक वाहनों ने यात्रा को आसान बना दिया है, लेकिन यह वायु और ध्वनि प्रदूषण का भी कारण है। इसी तरह, कई मशीनों का आविष्कार किया गया है जो हजारों लोगों का काम कर सकती हैं और इस प्रकार हजारों लोग बेरोजगार हैं

प्रोजेक्ट

प्रश्न 1.  अपने आस-पास किसी खेत या बाड़ी पर जाओ। वहाँ लोगों से बात करो और आस-पास देखो। एक रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर:  शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर-मेरे एक दोस्त का फार्म हाऊस है। उस फार्म हाऊस पर एक किनारे में एक बड़ा सा मकान है। वहाँ खेती करने के लिए ट्रैक्टर, थ्रेशर, पम्पिंग सेट, वाटर पम्प, तथा अन्य कई औजार हैं। उस फार्म हाऊस पर खेती करने तथा खेतों एवं फसलों की देखभाल के लिए 6-7 आदमी रहते हैं। वे लोग वहाँ पर कई वर्षों से काम करते हैं। जब मैं वहाँ गया था खेतों में सरसों के पौधे लगे थे। सरसों के पीले-पीले फूल काफी सुन्दर लग रहे थे। वहाँ फलों के कई पेड़ भी लगे हैं। मैंने पेड़ों से तोड़कर कुछ ताजे अमरूद खाये। फार्म हाऊस पर जाना मुझे बहुत अच्छा लगा।

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हम क्या समझे

प्रश्न 1.  हमारे खाने में कई बदलाव आए हैं। ऐसा कैसे कह सकते हैं? बाजरे के बीज की कहानी और बड़ों से मिली जानकारी के आधार पर लिखो।
उत्तर:  हमारे खाने में कई तरह के बदलाव आये हैं। पहले लोग तरह-तरह के अनाजों की रोटियाँ खाया करते थे, परन्तु आज रोटियाँ मुख्य रूप से गेहूं के आटे से ही बनाया जाता है। मेरी माँ बताती हैं कि पहले आटे के लिए गेहूँ के दानों से गंदगियाँ हाथों से चुन कर निकाली जाती थी, फिर गेहूं को पानी से धोया जाता था। धोने के बाद उसे धूप में सुखाया जाता था। गेहूँ को सुखाने के बाद उसे चक्की पर ले जाया जाता था जहाँ गेहूँ को पीसकर आंटा बनाया। जाता था। कम गेहूँ को पीसने के लिए दादी माँ लोग घर पर ही चक्की में उसे पीस लिया करती थी। परन्तु आज पिसा हुआ गेहूं का आटा पैकटों में उपलब्ध है। प्रायः सभी घरों में पैकेटों में बंद आटा ही खरीदा जाता है। मैं एक बार गेहूं के दानों को देखकर पहचान नहीं सका कि यही गेहूँ के दाने हैं, हालाँकि मैंने गेहूँ के दानों को फोटो में देखा था। मैं यह जानकर भी हैरान हो गया कि चावल दरअसल धान से प्राप्त किये जाते हैं। हममे से बहुत सारे लोग आज बने-बनाये (इन्सटेन्ट) खाना, जैसे नूडल, पास्ता, ब्रेड आदि पसंद करने लगे हैं। मैं समझता हूँ कुछ सालों बाद लोग परंपरागत भोजन बनाना भी भूल जायेंगे।

प्रश्न 2.  अगर सभी किसान एक ही तरह के बीज बोएँ, एक ही तरह की फसल उगाएँ, तो क्या होगा?
उत्तर:   यदि सभी किसान एक ही तरह के बीज बोने लगें तथा फसल उगाने लगें तो स्थिति बहुत ही मुश्किलों भरी हो। जायेंगी। इससे हम लोगों को तरह-तरह की चीजें खाने को नहीं मिलेंगी। हमलोग एक ही तरह की चीज खा-खाकर थक जायेंगे। चूँकि भोजन जिन्दगी की मुख्य आवश्यकताओं में से एक है इसलिए यदि ऐसी स्थिति हुई तो दुनिया बेस्वाद हो जायेगी।

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