NCERT solutions for class 8 social science civics अध्याय 7 हाशियाकरण से निपटना अब अध्ययन के लिए उपलब्ध है। यदि आप कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान नागरिक शस्त्र Hindi Medium के अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर (Class 8 Social Science NCERT Solutions civics नागरिक शस्त्र) पढ़ना चाहते है तो आप सही जगह पे आए है। आपको बात दे की सामाजिक विज्ञान विषय के यह ncert solutions for class 8 social science civics chapter 7 pdf के तौर पर डाउनलोड भी कर सकते है।
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कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान की पुस्तक सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में छात्रों को भारतीय संविधान, कानून और जनसुविधाओं के बारे में जानने को मिलेगा। नागरिक शास्त्र कक्षा 8 काफी रोचक है।
NCERT solutions for Class 8 Social science civics chapter 7 हाशियाकरण से निपटना Download as PDF
कक्षा : 8
विषय : सामाजिक विज्ञान (नागरिक शास्त्र –सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-3)
अध्याय-7 हाशियाकरण से निपटना
अभ्यास:-
प्रश्न 1 – दो ऐसे मौलिक अधिकार बताइए जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए इस्तेमाल कर सकते है। इस सवाल का जवाब देने के लिए पृष्ठ 14 पर दिए गए मौलिक अधिकारों को दोबारा पढ़िए।
उत्तर :- मौलिक अधिकार का खंड भारतीय संविधान की आत्मा कहलाता है। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान रूप से छः प्रकार के अधिकार प्रदान करता है। लेकिन दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए समानता का अधिकार तथा शोषण के विरुद्ध अधिकार का इस्तेमाल कर सकते है
प्रश्न 2 – रत्नम की कहानी और 1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों को दोबारा पढ़िए। अब एक कारण बताइए कि रत्नम ने इसी कानून के तहत शिकायत क्यों दर्ज कराई।
उत्तर :- रत्नम एक पढ़ा लिखा युवक है। उसकी शिक्षा के कारण यह संभव हो पाया है कि रोजगार के लिए उसे अपने गांव के ऊँची जाति के लोगों पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। शिक्षित होने के कारण उसे अपने अधिकारों के बारे में भी पता है। इसलिए उसने इस कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई।
प्रश्न 3 – सी.के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को ऐसा क्यों लगता है कि आदिवासी अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के ख़िलाफ़ 1989 के इस कानून का इस्तेमाल कर सकते हैं ? इस कानून के प्रावधानों में ऐसा क्या खास है जो उनकी मान्यता को पुष्ट करता है ?
उत्तर :- इस अधिनियम में यह कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी दलित की जमीन को हड़प लेता है या उसपर खेती करता है तो उसे सजा मिलेगी। इसलिए सी के जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को ऐसा लगता है कि आदिवासी भी अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ 1989 के इस कानून का इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रश्न 4 -इस इकाई में दी गई कविताएँ और गीत इस बात का उदाहरण हैं कि विभिन्न व्यक्ति और समुदाय अपनी सोच, गुस्से और अपने दुखों को किस – किस तरह से अभिव्यक्त करते हैं। अपनी कक्षा में ये दो कार्य कीजिए :-
(क) एक ऐसी कविता खोजिए जिसमें किसी सामाजिक मुद्दे की चर्चा की गई है। उसे अपने सहपाठियों के सामने पेश कीजिए। दो या अधिक कविताएँ लेकर छोटे – छोटे समूहों में बँट जाइए और उन कविताओं पर चर्चा कीजिए। देखें कि कवि ने क्या कहने का प्रयास किया है।
उत्तर:- स्वयं कीजिए
(ख) अपने इलाके में किसी एक हाशियाई समुदाय का पता लगाइए। मान लीजिए कि आप उस समुदाय के सदस्य हैं। अब इस समुदाय के सदस्य की हैसियत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोई कविता या गीत लिखिए या पोस्टर आदि बनाइए।
उत्तर :- स्वयं कीजिए
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इतिहास (History) हमारे अतीत -3
- अध्याय 1 – कैसे, कब और कहाँ ?
- अध्याय 2 – व्यापर से साम्राज्य तक
- अध्याय 3 – ग्रामीण छेत्र पर शासन चलाना
- अध्याय 4 – आदिवासी, दिकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना
- अध्याय 5 – जब जनता बगावत करती है 1857 और उसके बाद
- अध्याय 6 – देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना
- अध्याय 7 – महिलाएँ, जाति एवं सुधार
- अध्याय 8 – राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक
नागरिक शस्त्र (Civics) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन -3
- अध्याय 1 – भारतीय संविधान
- अध्याय 2 – धर्मनिरपेक्षता की समझ
- अध्याय 3 – हमें संसद क्यों चाहिए
- अध्याय 4 – कानूनों के समझ
- अध्याय 5 – न्यायपालिका
- अध्याय 6 – हाशशयाकरण की समझ
- अध्याय 7 – हाशियाकरण से निपटना
- अध्याय 8 – जनसुविधाए
- अध्याय 9 – कानून और सामाजिक न्याय
भूगोल (Geography) संसाधन एवं विकास भाग -2
- अध्याय 1 – संसाधन
- अध्याय 2– भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन
- अध्याय 3 – कृषि
- अध्याय 4 – उद्योग
- अध्याय 5 – मानव संसाधन
ततंरिका तुवा, तुवा तुवा ताती
तबल्ले तबल्ले
हो तित्ता हो
ना दिबू
आ भुच्चिका