NCERT solutions for class 8 social science civics chapter 4 कानूनों के समझ अब अध्ययन के लिए उपलब्ध है। यदि आप कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान नागरिक शस्त्र Hindi Medium के अध्याय 4 के प्रश्न उत्तर (Class 8 Social Science NCERT Solutions civics नागरिक शस्त्र) पढ़ना चाहते है तो आप सही जगह पे आए है। आपको बात दे की सामाजिक विज्ञान विषय के यह ncert solutions for class 8 social science civics chapter 4 pdf के तौर पर डाउनलोड भी कर सकते है।
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कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान की पुस्तक सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में छात्रों को भारतीय संविधान, कानून और जनसुविधाओं के बारे में जानने को मिलेगा। नागरिक शास्त्र कक्षा 8 काफी रोचक है।
NCERT solutions for Class 8 Social science civics chapter 4 कानूनों के समझ Download as PDF
कक्षा : 8
विषय : सामाजिक विज्ञान (नागरिक शास्त्र –सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-3)
अध्याय-4 कानूनों के समझ
अभ्यास:-
प्रश्न 1 – ‘ कानून का शासन ‘ पद से आप क्या समझते हैं ? अपने शब्दों में लिखिए। अपना जवाब देते हुए कानून के उल्लंघन का कोई वास्तविक या काल्पनिक उदाहरण दीजिए।
उत्तर :- कानून का शासन भारतीय संविधान का एक प्रावधान है जिसमें कहा गया है कि स्वतंत्र भारत में सभी लोग कानून के समक्ष समान हैं। देश में हर नागरिक के लिए हर कानून बराबर है। कानून से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं है। चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या देश का राष्ट्रपति ही क्यों न हो। किसी भी अपराध या कानून के उल्लंघन की एक निश्चित सज़ा होती है। सज़ा तक पहुँचने की भी एक तय प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति का अपराध साबित किया जाता है। देश में कानून ही सर्वोच्च है। देश का शासन कानूनानुसार चलाया जाता है न कि किसी व्यक्तिगत इच्छा के अनुसार।
प्रश्न 2 – इतिहासकार इस दावे को गलत ठहराते हैं कि भारत में कानून का शासन अंग्रेज़ों ने शुरू किया था। इसके कारणों में से दो कारण बताइए।
उत्तर :- दो कारण-
औपनिवेशिक कानून मनमाना था।
ब्रिटिश भारत में कानून के विकास में भारतीय राष्ट्रवादियों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रश्न 3 – घरेलू हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला संगठनों ने इस प्रक्रिया में अलग – अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा, चाहे वह शारीरिक हो या मौखिक, से बचाने के उद्देश्य से पारित किया गया था। विभिन्न महिला समूहों ने घरेलू हिंसा के कई मामलों की रिपोर्ट करके इसे संभव बनाने के लिए काम किया। घरेलू हिंसा (रोकथाम और संरक्षण विधेयक) का मसौदा तैयार करने के लिए वकीलों, कानून के छात्रों और कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मिलकर काम किया। इसके अलावा, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित विभिन्न महिला संगठनों ने संसदीय स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुतियाँ दीं।
प्रश्न 4 – अपने शब्दों में लिखिए कि इस अध्याय में आए निम्नलिखित वाक्य (पृष्ठ 44-45) से आप क्या समझते हैं : अपनी बातों को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया। यह समानता का संघर्ष था। उनके लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं थे जिनका पालन करना उनकी मजबूरी हो। वे कानून को उससे अलग ऐसी व्यवस्था के रूप में देखना चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हों।
उत्तर :- आजादी से पहले भारत को ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने के लिए मजबूर किया गया था। नियमों का सेट मनमाना था इसलिए,राष्ट्रवादि ऐसा कानून चाहते थे जो भारतीयों और ब्रिटिश लोगों के लिए एक जैसा हो और जिनका पालन करना केवल भारतीयों पर थोपा न गया हो। राष्ट्रवादी तो ऐसा कानून चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हो।
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इतिहास (History) हमारे अतीत -3
- अध्याय 1 – कैसे, कब और कहाँ ?
- अध्याय 2 – व्यापर से साम्राज्य तक
- अध्याय 3 – ग्रामीण छेत्र पर शासन चलाना
- अध्याय 4 – आदिवासी, दिकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना
- अध्याय 5 – जब जनता बगावत करती है 1857 और उसके बाद
- अध्याय 6 – देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना
- अध्याय 7 – महिलाएँ, जाति एवं सुधार
- अध्याय 8 – राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक
नागरिक शस्त्र (Civics) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन -3
- अध्याय 1 – भारतीय संविधान
- अध्याय 2 – धर्मनिरपेक्षता की समझ
- अध्याय 3 – हमें संसद क्यों चाहिए
- अध्याय 4 – कानूनों के समझ
- अध्याय 5 – न्यायपालिका
- अध्याय 6 – हाशशयाकरण की समझ
- अध्याय 7 – हाशियाकरण से निपटना
- अध्याय 8 – जनसुविधाए
- अध्याय 9 – कानून और सामाजिक न्याय
भूगोल (Geography) संसाधन एवं विकास भाग -2
- अध्याय 1 – संसाधन
- अध्याय 2– भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन
- अध्याय 3 – कृषि
- अध्याय 4 – उद्योग
- अध्याय 5 – मानव संसाधन