NCERT Solution Class 8 Social science history अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना

NCERT Solution Class 8 Social science history अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना के लिए NCERT solution में इतिहास पुस्तक – हमारे अतीत -III में दिए गए अभ्यासों के समाधान शामिल हैं।कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान पाठ 6 के प्रश्न उत्तर को NCERT को ध्यान में रखकर छात्रों की सहायता के लिए बनाया गया हैं।

 एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान इतिहास हमारे अतीत -3 का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना हैं। यदि आप कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान के प्रश्न उत्तर (Class 8 Social Science NCERT Solutions) पढ़ना चाहते है तो आप सही जगह पे आए है। आपको बात दे की सामाजिक विज्ञान विषय के यह कक्षा 8 एनसीईआरटी समाधान पीडीएफ़ की तौर मे डाउनलोड भी कर सकते है।

NCERT Solutions class 8th social science यह सामग्री सिर्फ संदर्भ के लिए है। आप अपने विवेक से तथा  अपने अनुसार प्रयोग करें। विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तन आवश्यक है NCERT solution for Class 8 social science all the chapters can be downloaded from our website www.exammodalpaper.in

NCERT Solution Class 8 Social science history अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना Download as PDF 

download now

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 इतिहास पुस्तक अध्याय संक्षेप में
अध्याय 6 – देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना

इस अध्याय में भारतीय शिक्षा में अंग्रेजों के हस्तक्षेप और भागीदारी की चर्चा की गई है। छात्रों को आंग्लवादियों और प्राच्यवादियों के विचारों की स्पष्ट जानकारी मिलेगी। इसमें थॉमस मैकाले, जेम्स मिल और विलियम जोन्स के विचारों का भी वर्णन होगा। इस अध्याय में यूरोपीय शिक्षा के बारे में भारतीयों की धारणाओं को भी समझाया गया है। रवीन्द्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने अंग्रेजों की शिक्षा के खिलाफ भारतीयों की गुलामी के बारे में अपने विचार और राय साझा की।

NCERT Solutions for Class 8
विषय : सामाजिक विज्ञान इतिहास (हमारे अतीत – III)

अध्याय 6. देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना (Hindi Medium)

फिर से याद करें:-

प्रश्न 1 – निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ:-

विलियम जोन्स   अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन 

रवीन्द्रनाथ टैगोर  प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान

टॉमस मैकॉले     गुरु

महात्मा गांधी      प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा

पाठशालाएँ            अंग्रेजी शिक्षा के विरुद्ध

उत्तर:-   

विलियम जोन्स          प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान

रवीन्द्रनाथ टैगोर       प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा

टॉमस मैकॉले           अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन

महात्मा गांधी            अंग्रेजी शिक्षा के विरुद्ध

पाठशालाएँ               गुरु

प्रश्न 2 – निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ:-

(क) जेम्स मिल प्राच्यवादियों के घोर आलोचक थे।

उत्तर:-  सही

(ख) 1854 के शिक्षा संबंधी डिस्पैच में इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत में उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए।

उत्तर:-  सही

(ग) महात्मा गांधी मानते थे कि साक्षरता बढ़ाना ही शिक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।

उत्तर :-  सही

(घ) रवीन्द्रनाथ टैगोर को लगता था कि बच्चों पर सख्त अनुशासन होना चाहिए।

उत्तर :-  गलत

आइए विचार करें:-

प्रश्न 3 – विलियम जोन्स को भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन क्यों जरूरी दिखाई देता था ? 

उत्तर :- विलियम जोन्स भारत और पश्चिम दोनों की प्राचीन संस्कृतियों के प्रति गहरा सम्मान रखते थे। उनका मानना ​​था कि भारतीय सभ्यता ने प्राचीन काल में अपना गौरव प्राप्त किया था लेकिन बाद में उसका पतन हो गया। भारत को समझने के लिए प्राचीन काल में निर्मित पवित्र और कानूनी ग्रंथों की खोज करना आवश्यक था। केवल वे ग्रंथ ही हिंदुओं और मुसलमानों के वास्तविक विचारों और कानूनों को प्रकट कर सकते हैं। विलियम जोन्स का मानना ​​था कि इन ग्रंथों का नया अध्ययन ही भारत में भविष्य के विकास का आधार बन सकता है।

प्रश्न 4 – जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले ऐसा क्यों सोचते थे कि भारत में यूरोपीय शिक्षा अनिवार्य है ?

उत्तर :- जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले यूरोपीय शिक्षा को विश्व की सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मानते थे। वे सोचते थे कि अंग्रेज़ी के ज्ञान से भारतीयों को संसार के श्रेष्ठतम साहित्य को पढ़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले का मानना था कि इससे भारतीयों को पश्चिमी विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में हुए विकास को जानने का भी मौका मिलेगा।

प्रश्न 5 – महात्मा गांधी बच्चों को हस्तकलाएँ क्यों सीखाना चाहते थे ?

उत्तर :- महात्मा गांधी का कहना था कि पश्चिमी शिक्षा मौखिक ज्ञान की बजाय सिर्फ पढ़ने और लिखने पर ही केंद्रित है। उसमें पाठ्य–पुस्तकों पर तो जोर दिया जाता है परंतु जीवन के अनुभवों और व्यावहारिक ज्ञान की उपेक्षा की जाती है। उनकी राय थी कि शिक्षा से व्यक्ति का दिमाग और आत्मा विकसित होनी चाहिए। केवल साक्षरता अर्थात पढ़ने और लिखने की क्षमता पा लेना ही शिक्षा नहीं होती। इसके लिए लोगों को हाथ से काम करना पड़ता है। कलाएं सीखनी पड़ती हैं और यह जानना पड़ता है कि विभिन्न चीजें किस रह काम करती हैं। इससे उनका मस्तिष्क और समझने की क्षमता दोनों विकसित होंगे। इसी कारण वे बच्चों को हस्तकलाएं सिखाना चाहते थे।

प्रश्न 6 – महात्मा गांधी ऐसा क्यों सोचते थे कि अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को गुलाम बना लिया है ?

उत्तर :- गांधी जी का मानना था की अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों मे गुलामी की  मानसिकता को जन्म दिया है 

  1. औपनिवेशिक शिक्षा ने भारतीयों के मस्तिष्क में हीनता का भाव पैदा कर दिया है। यहाँ के लोग पश्चिमी सभ्यता को श्रेष्ठतर मानने लगे हैं। अपनी संस्कृति के प्रति उनका गौरव भाव नष्ट हो गया है।
  2. पश्चिमी शिक्षा में विष भरा है, यह पापपूर्ण है, इसने भारतीयों को दास बना दिया है, इसने लोगों पर बुरा प्रभाव डाला है।
  3. पश्चिमी शिक्षा ग्रहण करने वाले भारतीय ब्रिटिश शासन को पसंद करते हैं तथा पश्चिम से आने वाली हर चीज की प्रशंसा करते हैं।
  4. विदेशी भाषा बोलने वाले, स्थानीय संस्कृति से घृणा करने वाले भारतीय अपनी जनता से जुड़ने के तौर-तरीके भूल चुके हैं। 
आइए करके देखें:-

प्रश्न 7 – अपने घर के बुर्जुगों से पता करें कि स्कूल में उन्होंने कौन – कौन सी चीजें पढ़ी थीं ?

उत्तर :- मेरे दादा-दादी के स्कूल के दिनों में उनके इलाके में सिर्फ एक ही स्कूल था। उस स्कूल में आसपास के गांवों के बच्चे भी आते थे। स्कूल में उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक अध्ययन और विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते थे। उनकी मातृभाषा हिन्दी में शिक्षा दी जाती थी। शारीरिक शिक्षा को भी व्यावहारिक विषय के रूप में शामिल किया गया था। उस जमाने में व्यावहारिक ज्ञान को अधिक महत्व दिया जाता था। उन्हें मिट्टी के बर्तन, हस्तशिल्प और विभिन्न प्रकार की कलाएँ बनाना सिखाया जाता था।

प्रश्न 8 – अपने स्कूल या आस – पास के किसी अन्य स्कूल के इतिहास का पता लगाएँ।

उत्तर :- छात्र इस प्रश्न का उत्तर खुद लिखें।

 

Share to help

1 thought on “NCERT Solution Class 8 Social science history अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना”

Leave a comment