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इस अध्याय ‘राख की रस्सी’ में दो पात्र हैं – एक बूढ़ा आदमी और दूसरा उसका बेटा। बूढ़ा व्यक्ति बुद्धिमान था लेकिन उसका बेटा बहुत भोला था। बूढ़ा व्यक्ति अपने बेटे के बारे में चिंतित था और इसलिए उसे पूरा करने के लिए एक समस्याग्रस्त कार्य सौंपा। उसका बेटा शहर जाता है और एक बुद्धिमान लड़की से मिलता है जो अक्सर उसके लिए समस्याओं का समाधान ढूंढती है। बूढ़े व्यक्ति ने अपने बेटे की शादी उस लड़की से करने का फैसला किया। इस कहानी में विद्यार्थी प्रत्येक कार्य को सोच-समझकर करने की सीख देता है। छात्र कक्षा 5 हिंदी अध्याय 1 के समाधान का मुफ्त पीडीएफ आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
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NCERT Solutions for Class 5 Hindi
कक्षा 5 – हिंदी
अध्याय-1 राख की रस्सी
भोला -भाला
1 तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे।
(क) तुम्हारे विचार से वे किन किन बातों के बारे में सोच कर परेशान होते थे?
उत्तर: मंत्री जी का बेटा बड़ा हो गया था। वह बहुत भोला-भाला था। बिल्कुल भी होशियार नहीं था। उनके बाद बेटे का काम कैसे चलेगा? कहीं उनके बेटे को कोई मूर्ख न बना दे। कहीं उसका अत्यधिक भोलापन उसके जीवन रूपी नाव को डुबो न दे। वह अपना जीवन निर्वाह कैसे करेगा? यह सब सोचकर मंत्री जी चिंतित रहते थे।
(ख) तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती?
उत्तर: वह भोला भाला परंतु सक्षम था। मैं उसे जीवन के लिए आवश्यक सभी काम सिखाती। उसे लोगों से मिलने जुलने के मौके देती ताकि वह उनके व्यवहार को समझ सकता। उसे गलतियां करने देती और उनसे सीखने देती। साथ ही उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करती।
शहर की तरफ
1 मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ रवाना किया।
(क) मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?
उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा ताकि वह दुनियादारी समझे ओर व्यवहारिक बने।।
(ख) उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा?
उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा होगा ताकि वह अधिक लोगों के संपर्क में आए। वह जितने अधिक लोगों से मिलता उसे उतने ही प्रकार के अच्छे और बुरे अनुभव प्राप्त होते।इससे उसकी समझ बढ़ती और होशियारी से जीना सीखता।
प्रश्न 2. “जौ” एक तरह का अनाज है जिसे कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रोटी बनाई जाती है। सत्तू बनाया जाता है और सूखा भूनकर भी खाया जाता है। अपने घर में और स्कूल में बातचीत करके कुछ और अनाजों के नाम पता करो
गेहूं, जौ
उत्तर: 1 रागी, 2 बाजरा, 3 ज्वार, 4 चावल, 5 जई
तुम सेर, मैं सवा सेर
प्रश्न 2. मंत्री ने बेटे से कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतारकर बेचना मुझे जरा भी पसंद नहीं आया। ” क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी उत्तर का कारण भी बताओ
उत्तर: मुझे लगता है, मंत्री समझ गए थे कि जिस लड़की ने यह तरकीब उनके लड़के को बताई थी, वह अवश्य ही बहुत समझदार और चालाक थी। वह उसकी चतुराई को एक बार और परखना चाहते थे। उसमे वह अपनी बहु देख रहे थे । इसलिए उन्होंने कहा होगा कि उन्हें भेड़ों के बाल उतार कर बेचना पसंद नहीं आया।
सींग और जौ
पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले। जिन लोगों ने यह चीजें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा? अपनी कल्पना से बताओ।
उत्तर: जिन लोगों ने यह चीजें खरीदी उन्होंने बालों से ऊनी कंबल, पट्टू, कोट की पट्टी, गुलबंद, गर्म टोपी और पहाड़ी सदरी तथा सींग से सजावट का सामान और वाद्य यंत्र बनाए होंगे।
बात को कहने के तरीके
प्रश्न 1. नीचे कहानी से कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन बातों को तुम किस तरह से कह सकती हो-
(क) चैन से जिंदगी चल रही थी।
(ख) होशियारी उसे छूकर भी नहीं गई थी।
(ग) मैं इसका हल निकाल देती हूँ।
(घ) उनकी अपनी चालाकी धरी रह गई।
उत्तर:
(क) शांतिपूर्ण ढंग से जीवन कट रहा था।
(ख) वह बिल्कुल होशियार नहीं था।
(ग) मैं इसका उपाय बताती हूँ।
(घ) उनकी अपनी चालाकी काम नहीं आई।
2 लोनपो गार का बेटा होशियार नहीं था।
(क) ‘होशियार’ और ‘चालाक’ में क्या फर्क होता है? किस आधार पर किसी को तुम चालाक या होशियार कह सकती हो? इसी प्रकार ‘भोला’ और ‘बुद्धू’ के बारे में भी सोचो और कक्षा में चर्चा करो
उत्तर:- ‘होशियार’ शब्द का प्रयोग सकारात्मक अर्थ में (अच्छे अर्थ में) होता है। इसका मतलब है समझदार। लेकिन ‘चालाक’ शब्द का प्रयोग नकारात्मक अर्थ में (खराब या बुरे अर्थ में) होता है। इसका मतलब है-चतुर।
“भोला’ शब्द का अर्थ होता है सीधा-सादा। अगर कोई व्यक्ति भोला है इसका मतलब यह नहीं कि वह मूर्ख है। वह जानकार और पढ़ा-लिखा है किन्तु हृदय से सीधा है। ‘बुद्ध’ शब्द का अर्थ है मूर्ख या बेवकूफ।
(ख) लड़की को तुम ‘समझदार’ कहोगी या ‘बुद्धिमान’? क्यों?
उत्तर: लड़की बुद्धिमान थी। उसके निर्णय तर्क के अनुसार थे। उसने हर समस्या का समाधान लोनपो गार की शर्तों के अनुसार तुरंत ही कर दिया। समस्या देने वाले को भी सोचने पर विवश कर दिया। इसमें उसकी समझदारी भी दिखती है।
नाम दो
कहानी में लोनपो गार के बेटे और लड़की को कोई नाम नहीं दिया गया है । नीचे तिब्बत में बच्चों के नामकरण के बारे में बताया गया है । यह परिचय पढ़ो और मनपसंद नाम छोड़कर छाँट कर बेटे और लड़की को कोई नाम दो।
उत्तर: लोनपो गार के बेटे का नाम फू दोरजे तथा लड़की का नाम डावा रखूंगी ।
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NCERT Solutions Class 5 to 10
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NCERT Class 5 Hindi Chapter wise Solutions
- पाठ-01- राख की रस्सी
- पाठ-02- फ़सलों का त्योहार
- पाठ-03- खिलौनेवाला
- पाठ-04-नन्हा फ़नकार
- पाठ-05- जहाँ चाह वहाँ राह
- पाठ-06- चिट्टी का सफ़र
- पाठ-07- डाकिए की कहानी, कँवरसिंह की जुबानी
- पाठ-08- वे दिन भी क्या दिन थे
- पाठ-09- एक माँ की बेबसी
- पाठ-10- एक दिन की बादशाहत
- पाठ-11- चावल की रोटियाँ
- पाठ-12- गुरु और चेला
- पाठ-13- स्वामी की दादी
- पाठ-14- बाघ आया उस रात
- पाठ-15- बिशन की दिलेरी
- पाठ-16- पानी रे पानी
- पाठ-17- छोटी-सी हमारी नदी
- पाठ-18- चुनौती हिमालय की