NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 12 गुरु और चेला

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‘गुरु और चेला’ कविता में एक नैतिक कहानी छिपी हुई है. कथावाचक एक गुरु और उनके शिष्य के साहसिक कारनामों का वर्णन करता है। एक दिन वह बिना पैसे के घूमने निकला। चलते-चलते वे एक नगर में पहुँचे। वहां उसे एक ग्वालिन मिली। उसने उनसे कहा कि यह एक अंधेर नगरी है और इसका राजा पूर्ण मूर्ख है। इस शहर में हर चीज़ की कीमत एक जैसी है। गुरुजी ने सोचा कि ऐसे शहर में रहना ठीक नहीं है. इसलिए उन्होंने अपने शिष्यों को वहां से चले जाने को कहा लेकिन उनके शिष्य नहीं माने। गुरुजी तो शहर छोड़कर चले गये लेकिन शिष्य उसी शहर में रह गया। अंत में, शिष्य के गुरु ने बुद्धिमानी से उसकी जान बचाई और मूर्ख राजा ने खुद को फाँसी पर लटका लिया। यह अध्याय छात्रों को यह एहसास कराने में मदद करेगा कि हमें मूर्ख और मूर्ख समुदाय से दूर रहना चाहिए। छात्र कक्षा 5 हिंदी अध्याय 12 के लिए एनसीईआरटी सॉल्यूशंस का मुफ्त पीडीएफ आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। NCERT Solutions 5th Hindi Chapter 12-गुरु और चेला  यह सामग्री सिर्फ संदर्भ के लिए है। आप अपने विवेक से तथा  अपने अनुसार प्रयोग करें। विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तन आवश्यक है ।

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NCERT Solutions for Class 5 Hindi

Guru Aur Chela

रिमझिम पाठ- 12. गुरु और चेला

टके की बात

प्रश्न 1. टका पुराने ज़माने का सिक्का था| अगर आजकल सब चीज़े एक रूपया किलो मिलने लगें तो उससे किस तरह के फ़ायदे और नुकसान होंगे?

उत्तर- अगर आजकल सब चीजें एक रूपया किलो मिलने लगें, तो इससे सारी जनता को फ़ायदा होगा, गरीबों को पेट भरकर भोजन मिलेगा। फिर कोई गरीब नहीं रहेगा। क्योंकि उन्हें चीज़ें एक रूपया किलो में मिलने लगेंगी| लेकिन वहीँ दुकानदारों तथा विक्रेताओं को नुकसान होगा |

प्रश्न 2. भारत में कोई चीज़ खरीदने-बेचने के लिए ‘रूपये’ का इस्तेमाल होता है और बांग्लादेश में ‘टके’ का| ‘रूपया’ और ‘टका’ क्रमश: भारत और बांग्लादेश की मुद्राएँ हैं| नीचे लिखे देशों की मुद्राएँ कौन-सी हैं?
सऊदी अरब, जापान, फ्रांस, इटली, इंग्लैंड
उत्तर-
देशसऊदी अरबजापानफ्रांसइटलीइंग्लैंड
मुद्राएँदीनारयेनयूरोयूरोपौंड-स्टर्लिंग

कविता की कहानी

प्रश्न 1. इस कविता की कहानी अपने शब्दों में लिखो|

उत्तर- एक बार एक गुरु और उसका चेला दोनों एक नगरी में घूमने जाते हैं। वे दोनों सबसे उस नगरी का नाम पूछते हैं। उन्हें एक ग्वालिन से पता चलता है कि इस नगरी का नाम अंधेर नगरी है और यहाँ का राजा निरा मूर्ख है। यहाँ हर वस्तु एक टके में एक सेर मिलती है। यह सुनकर गुरु वहाँ से वापस जाने का निर्णय लेते हैं। चेला गुरु की बात नहीं मानता। वह वहीं रहकर खाने के मज़े लेना चाहता है। गुरु चेले को छोड़कर चला जाता है। एक दिन बारिश के कारण दीवार गिर जाती है। उसके लिए बारी-बारी से कारीगर, मशकवाला, मंत्री सभी को दोषी ठहराया जाता है। मंत्री इसका मुख्य आरोपी सिद्ध होता है। मंत्री की गर्दन पतली होने के कारण राजा किसी मोटे व्यक्ति को उसके स्थान पर फाँसी पर चढ़ाने का हुक्म देता है। चेला उस राज्य में खूब खाकर-पीकर मोटा हो जाता है। मोटे होने के कारण राजा उसे ही फाँसी पर चढ़ाने का हुक्म देता है। वह फाँसी पर लटकने से पहले अपनी आखिरी इच्छा के रूप में अपने गुरु जी से मिलने की माँग करता है। गुरु को बुला लिया जाता है। गुरुजी आते ही बात समझ जाता है। वह चेले को कान में कहकर सारी बात समझा देता है। इसके बाद दोनों आपस में ज़िद्द करने लगते हैं कि वे पहले फाँसी पर चढ़ेगें। दोनों को इस तरह ज़िद्द करते देख राजा पूछता है “आखिर बात क्या है?” गुरूजी बताता है कि “इस समय जो फाँसी पर चढ़ेगा, वह चक्रवर्ती सम्राट बनेगा।” यह सुनकर राजा स्वयं फांसी पर चढ़ जाता है। अत: गुरु की सूझबूझ से चेला बच जाता है और मूर्ख राजा से प्रजा बच जाती है।|

प्रश्न 2. क्या तुमने कोई और ऐसी कहानि या कविता पढ़ी है जिसमें सुझबुझ से बिगड़ा काम बना हो, उसे अपनी कक्षा में सुनाओ|
उत्तर-
खरगोश और शेर
प्रश्न 3. कविता को ध्यान से पढ़कर ‘अंधेर नगरी’ के बारे में कुछ वाक्य लिखो|(सड़कें, बाजार, राजा का राजकाज)
उत्तर- अंधेर नगरी के बारे में कुछ वाक्य-

(क) अंधेरी नगरी की सड़के चमकदार थी|
(ख) अंधेरी नगरी में सभी चीजें टके सेर भाव में मिलती थी|
(ग) अंधेरी नगरी में कोई नियम नहीं था|
(घ) अंधेर नगरी में किसी के दोष की सजा किसी को मिलती थी|

प्रश्न 4.क्या ऐसे देश को ‘अंधेरी नगरी’ कहना ठीक है? अपने उत्तर का कारण भी बताओ|
उत्तर- 
हां, ऐसे देश को ‘अंधेर नगरी’ करना ठीक है| क्योंकि यहां की शासन व्यवस्था और सजा देने का तरीका गलत था चारों और अज्ञानता का वातावरण था यहां का राजा महामूर्ख था|

कविता के बात

प्रश्न 1. “प्रजा खुश हुई जब मेरा मुर्ख राजा|”
(क) अंधेर नगरी की प्रजा राजा के मरने पर खुश क्यों हुई?

उत्तर- क्योंकि वहाँ का राजा निरा मूर्ख था उस राजा की राज प्रणाली ठीक नहीं थी|

(ख) यदि वे राजा से परेशान थे तो उन्होंने उसे खुद क्यों नहीं हटाया? आपस में चर्चा करो|
उत्तर- 
प्रजा ने राजा को खुद इसलिए नहीं हटाया, क्योंकि उस समय राजा ही राज्य का मुखिया होता था तथा उसी का ही हुक्म चलता है|

प्रश्न 2. “गुरु का कथन झूट होता नहीं है|”
(1) गुरु जी ने क्या बात कही थी?
उत्तर-
 गुरुजी ने कहा था कि यह मुहूर्त फँसी पर चढ़ने के लिए शुभ है

(2) राजा यह बात सुनकर फाँसी लटक गया| तुम्हारे विचार से गुरुजी ने जो बात कही, वह सच थी|
उत्तर-
राजा मूर्ख था। इसलिए गुरुजी की बात को सच मान लिया।|

(3) गुरुजी ने यह बात कहकर सही किया या गलत? आपस में चर्चा करो|
उत्तर-
 गुरूजी ने यह बात कहकर साही किया, क्योंकि इस झूट से उन्होंने अपने बेगुनाह चेले की जान बचाई थी|

क्या होता यदि

प्रश्न 1. मंत्री की गर्दन फंदे के बराबर की होती?

उत्तर- यदि मंत्री की गर्दन फँदे के बराबर होती, तो उसे फांसी पर चढ़ा दिया जाता |

प्रश्न 2. राजा गुरूजी की बातों में न आता?
उत्तर-
 राजा गुरूजी की बातों में न आता तो चेले को फाँसी पर चढ़ा दिया जाता|

प्रश्न 3. अगर संतरी कहता कि “दीवार इसलिए गिरी क्योंकि पोली थी” तो महाराज किस-किस को बुलाते? आगे क्या होता?
उत्तर-
अगर संतरी कहता की “दीवार पोली होने से गिरी थी” तो महाराज दीवार बनाने में जितने लोगों ने काम किया था, उन सबको बुलाते जैसे: कारीगर, भिश्ती, मस्कवाला और मंत्री। सभी को राजा फाँसी पर चढ़वा देते।

शब्दों की छानबीन

प्रश्न 1. नीचे लिखे वाक्य पढो| जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें आजकल कैसे लिखते है, यह भी बताओ|
(क) न जाने की अंधेर हो कौन छान में!
(ख) गुरूजी ने खा तेज़ ग्वालिन न भग री!
(ग) इसी से गिरी , यह न मोती घनी थी!
(घ) ये गलती न मेरी , यह गलती बिरानी!
(ङ) न ईएसआई महूरत बनी बढ़िया जैसी

उत्तर-(क) छन-क्षण–छन आजकल इस शब्द को ‘क्षण’ लिखते हैं।
(ख) भग-भाग–
भग आजकल इस शब्द को ‘भाग रही’ लिखते हैं।
(ग) घनी-गहरी–
घनी आजकल इस शब्द को ‘मज़बूत’ लिखते हैं।
(घ) बिरानी-परायी–
बिरानी आजकल इस शब्द को ‘परायी’ लिखते हैं।
(ङ) महूरत-मुहूर्त–
महूरत आजकल इस शब्द को ‘मुहूर्त’ लिखते हैं।

प्रश्न 2. चमाचम थी सड़कें.. इस पंक्ति में ‘चमाचम’ सहबद आया है| नीचे लिखे शब्दों को पढ़ा और दिए गे वाक्यों में ये शब्द भरो-
पटापट चकाचक फ़टाफ़ट चटाचट झकाझक खटाखट चटपट

• आँधी के कारण पेड़ से …. फल गिर रहे हैं|
• हंसा अपना सारा काम …. कर लेती है|
• आज रहमान ने ……. सारे लड्डू खा डाले|
• उस भुक्खड़ ने …… सारे लड्डू खा डाले|
• सारे बर्तन धुलकर …… हो गए|

उ त्तर- आँधी के कारण पेड़ से पटापट फल गिर रहे हैं|
• हंसा अपना सारा काम फटाफट कर लेती है|
• आज रहमान ने चकाचक सारे लड्डू खा डाले|
• उस भुक्खड़ ने चटपट सारे लड्डू खा डाले|
• सारे बर्तन धुलकर झकाझक हो गए|

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