NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 17 छोटी-सी हमारी नदी solutions are available in PDF format for free download. NCERT solutions for Class 5 Hindi provide a comprehensive resource for students to understand and master the concepts covered in the curriculum. The NCERT solutions for Class 5 Hindi Chapter 17 छोटी-सी हमारी नदी provide detailed answers to the questions that arise from this story. These solutions ensure a comprehensive understanding of the chapter and enable students to analyze the text critically.The solutions are meticulously crafted, keeping in mind the needs of free ncert solutions for class 5 hindi for students, and provide a structured approach to learning.Class 5 Hindi chapter wise NCERT solution for Class 5 Hindi all the chapters can be downloaded from our website
‘छोटी सी हमारी नदी’ अध्याय रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित है। कवि बताता है कि उसके पास एक नदी है जो छोटी है और जिसका किनारा टेढ़ा है। गर्मियों में इसमें पानी कम हो जाता है. लेकिन आषाढ़ का महीना आते ही बारिश होने लगती है और यह नदी पानी से भर जाती है। तब इसकी धार बहुत तेज हो जाती है. इसके छपाक की आवाज से चारों ओर अफरा-तफरी मच जाती है। बरसात के मौसम में अमर्ना नदी में भी दिखाई देता है। लोग बारिश के आगमन का जश्न मनाने के लिए उमड़ पड़ते हैं। छात्र कक्षा 5 के हिंदी अध्याय 17 के लिए एनसीईआरटी सॉल्यूशंस का मुफ्त पीडीएफ आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।NCERT Solutions 5th Hindi Chapter 17 -छोटी-सी हमारी नदी यह सामग्री सिर्फ संदर्भ के लिए है। आप अपने विवेक से तथा अपने अनुसार प्रयोग करें। विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तन आवश्यक है
NCERT solutions for Class 5 Hindi Download as PDF
NCERT Solutions for Class 5 Hindi
Chotti Si Hamari Nadi
रिमझिम पाठ- 17 . छोटी-सी हमारी
तुम्हारी नदी
प्रश्न 1. तुम्हारी देखी हुई नदी भी ऐसी ही है या कुछ अलग है? अपनी नदी परिचित नदी के बारे में छुटी हुई जगहों पर लिखो –
………… सी हमारी नदी ………. ……… धार
गामीयों में ………… ………… , …. …. जाते पर
उ त्तर- चंचल सी हमारी नदी तेज इसकी धार
गर्मियों में इसके पानी में घुसकर जाते पार
प्रश्न 2. कविता में दी गई बातों के आधार पर अपनी परिचित नदी के बारे में बताओ-
*धार, *पाट, *बालू, *कीचड़, *किनारे, *बरसात में नदी
उत्तर- धार – मेरी परिचित नदी की धार बहुत तेज है।
पाट – हमारी परिचित नदी की पाटी ढालू है|
बालू – नदी के तल में सफेद बालू है।
कीचड़ – इस नदी के किनारों पर कीचड़ और रेत भी है|
बरसात में नदी – बरसात में इस नदी में पानी अधिक भर जाता है|
प्रश्न 3. तुम्हारी परिचित नदी के किनारे क्या-क्या होता है|
उत्तर- हमारी परिचित नदी के किनारे लोग पूजा – पाठ करते हैं| कुछ लोग मछलियां पकड़ते हैं| बच्चे यहाँ नहाते हैं तथा दूसरें लोग अपने – अपने अन्य काम करते हैं| जैसे कपड़े आदि धोना|
प्रश्न 4. तुम जहाँ रहते हो, उसके आस-पास कौन –कौन सी नदियाँ हैं| वे कहाँ से निकलती है और कहाँ तक जाती है? पता करो|
उत्तर- हमारे आस-पास गंगा, यमुना नामक दो नदियाँ हैं| ये हिमालय पर्वत से निकलकर समुद्र में मिलती हैं|
कविता के बाहर
प्रश्न 1. इस किताब में नदी का जिक्र और किस पाठ में हुआ है? नदी के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर- इस किताब में नदी का जिक्र ‘नदी का सफर’ पाठ में हुआ है| जिसमें नदी के उद्गम, मुहाने, जलप्रपात, उसके मार्ग, गति तथा उससे बनने वाली घाटियों का वर्णन किया गया है|
प्रश्न 2. नदी पर कोई और कविता खोजकर का पढ़ो और कक्षा में सुनाओ|
उत्तर-स्वयं करो।
प्रश्न 3. नदी में नहाने के बारे में तुम्हारा क्या अनुभव है?
उत्तर- नदी में नहाने में बड़ा मजा आता है। शरीर में चुस्ती आती है। जोड़ खुल जाते हैं जिससे ताज़गी आ जाती है। थकान मिट जाती है।
प्रश्न 4. क्या तुमने कभी मछली पकड़ी है अपने अनुभव साथियों के साथ बाँटो|
उत्तर- हाँ, हम नदी के किनारे पर गए और हमने वहाँ मछलियाँ पकड़ी। मछली पकड़ना बहुत अच्छा लगता है। हमने वहाँ तरह-तरह की मछलियाँ पकड़ी परन्तु वापस पानी में छोड़ दी क्योंकि उनको मारना हमें अच्छा नहीं लगा।
यह किसकी तरह लगते हैं?
प्रश्न 1. नदी की टेढ़ी-मेढ़ी धार?
उत्तर- नदी की टेढ़ी-मेढ़ी धार साँप की तरह लगती है|
प्रश्न 2. किचपिच-किचपिच करती है मैना?
उत्तर- किचपिच-किचपिच करती मैना नन्ही-सी चिड़िया जैसी लगती है|
प्रश्न 3. उछल-उछल के नदी में नहाते कच्चे-बच्चे?
उत्तर- ऐसे लगते है जैसे बहुत-सारी मछलियाँ एकसाथ उछल-कूद कर रही हों।
कविता और चित्र
कविता से पहले पढ को दुबारा पढ़ो | वर्णन पर ध्यान दो | इसे पढ़कर जो चित्र तुम्हारे मन में उभरा उसे बन्नो | बताओ चित्र में तुमने क्या – क्या दर्शाया?
उ त्तर- स्वयं करो।
प्रश्न 1. इस कविता के पद में कौन-कौन से शब्द तुकांत हैं? उन्हें छाँटो|
उत्तर- इस कविता के पद में निम्नलिखित शब्द तुकांत है-
धार-पार, चालू-ढालू, नाम-धाम, दार-सियार, वन-सघन, लें-ढालें, नहाना-छाना, रेती-देतीं, उतराती-दंनाती, कोलाहल-चंचल, रोला-टोला|
प्रश्न 2. किस शब्द में पता चलता है की नदी के किनारे जानवर भी जाते थे?
उत्तर- ‘ढोर-डंगर’ से पता चलता है की नदी के किनारे जानवर भी जाते थे|
प्रश्न 3. इस नदी के तट की क्या खासियत थी?
उत्तर- इस नदी की खासियत ये है की इसके तट ऊँचे थे|
प्रश्न 4. अमराई दूजे किनारे …….. चल देतीं|
कविता की ये पंक्तियाँ नदी किनारे का जीता – जगता वर्णन करती हैं | तुम भी निम्नलिखित में से किसी एक का वर्णन अपने शब्दों में करो-
· हफ्ते में एक बार लगाने वाला हाट
· तुम्हारे शहर या गाँव की सबसे ज्यादा चल – पहल वाली जगह
· तुम्हारे घर की खिड़की या दरवाजे से दिखाई देने वाला बहार का दृश्य
· ऐसी जगह का दृश्य जहाँ कोई बड़ी इमारत बन रही हो
उत्तर- हफ्ते में एक बार लगने वाला हाट
हमारे घर के पास मंगलवार के दिन बाज़ार हर सप्ताह लगता है| इसमें कपड़े, खिलौने, सब्जियाँ तथा अन्य जरूरी सामान मिलता हैं| अपने माता-पिता के साथ बाज़ार घूमने जाते हैं| बाज़ार में काफी भीड़ होती है| सभी लोग यहाँ अपनी जरूरत की चीजें खरीदते है| इससे बाज़ार लगाने वाले कई लोगों का जीवन चलता हैं|
प्रश्न 5. तेज़ गति शोर मोहल्ला धूप किनारा घना
ऊपर लिखे शब्दों के लिए कविता में कुछ ख़ास शब्दों क इस्तेमाल किया गया है| उन शब्दों को नीचे दिए अक्षर्जाल में ढूँढो|
उत्तर- तेज गति – वेग
शोर – रोला
मोहल्ला – टोला
धूप – घाम
किनारा – पाट
घना – सघन
NCERT solutions for Class 5 Hindi Download as PDF
अपनी राय(कमेन्ट) देना न भूलें
NCERT Solutions Class 5 to 10
- NCERT Solutions for class 5 Maths
- NCERT Solutions for class 5 EVS
- NCERT Solutions for class 5 English
- NCERT Solutions for class 5 Hindi
NCERT Class 5 Hindi Chapter wise Solutions
- पाठ-01- राख की रस्सी
- पाठ-02- फ़सलों का त्योहार
- पाठ-03- खिलौनेवाला
- पाठ-04-नन्हा फ़नकार
- पाठ-05- जहाँ चाह वहाँ राह
- पाठ-06- चिट्टी का सफ़र
- पाठ-07- डाकिए की कहानी, कँवरसिंह की जुबानी
- पाठ-08- वे दिन भी क्या दिन थे
- पाठ-09- एक माँ की बेबसी
- पाठ-10- एक दिन की बादशाहत
- पाठ-11- चावल की रोटियाँ
- पाठ-12- गुरु और चेला
- पाठ-13- स्वामी की दादी
- पाठ-14- बाघ आया उस रात
- पाठ-15- बिशन की दिलेरी
- पाठ-16- पानी रे पानी
- पाठ-17- छोटी-सी हमारी नदी
- पाठ-18- चुनौती हिमालय की